मंगलवार, 8 दिसंबर 2015

इतिहास बना रहें हैं केजरीवाल

माननीय केजरीवाल साहब भी रिस्क लेने वालों की सूची में आ गये हैं | यह बहुत हीं हिम्मत का काम है | रिस्क लेने वालों की सूची में एक नाम इंदिरा गांधी का भी है | जब उन्होंने जनसँख्या नियन्त्रण के लिए जबरन  नसबंदी का कार्यक्रम शुरू किया था सुना है ऐसा मैंने | देश में समस्याएं हैं | इन समस्यायों से निपटारे के लिए रिस्क लेना हीं होगा | 
       दिल्ली में बढ़ते प्रदूष्ण की समस्या से निपटारे के लिए अरविन्द केजरीवाल के दिल्ली सरकार ने कुछ फैसले लेने का निर्णय किया है जो की स्वागत योग्य है | प्रयोग के तौर पर इसे पहले पन्द्रह दिन के लिए लागू किया जायेगा ( समाचार चैनलो के अनुसार ) | इन दिनों दिल्ली में ओड नम्बर की गाड़ियाँ   एक दिन और इवेन नम्बर की गाड़ियाँ एक दिन चलेगी | इससे दिल्ली में चलने वाले मोटर वाहनों में पचास प्रतिशत ( अनुमानित ) तक  कमी आएगी | जिससे दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का ग्राफ कम होने की संभावना है |

       देश की समस्यायों के कुछ मामलों में ऐसे  कठोर और निर्णायक कदम उठाने हीं होंगे | वगैर ऐसे कदम उठाये देश का हित मुश्किल है | हाँ ये सत्य है कि कुछ परेशानियों का सामना भी करना होगा | किन्तु देश हित में कुछ समझौता तो करना हीं होगा | हम सब को चाहिए की इस तरह के कदम उठाये जाने पर अपना सलाह ढंग से दें न की  चिलम पों  मचा दें | किसी व्यक्ति विशेष का विरोध करना है तो बस विरोध करना है इस मानसिकता से निकलना होगा | हाँ जो आपको नहीं जंच रहा है उस सम्बन्ध में ढंग से  शान्तिपूर्वक अपनी सलाह दें |
       आप सभी की तरह मेरे जेहन में भी कुछ जिज्ञासा  हैं और इस सम्बन्ध में  दिल्ली सरकार भविष्य में  क्या निर्णय लेती है देखना चाहूँगा |
1 जिस दिन सम नम्बर की गाड़ियाँ चलेगी उस दिन विषम नम्बर वाली गाड़ियों के लिए क्या विकल्प होगा ठीक इसी तरह विषम गाड़ियों वाले दिन सम नम्बर वाली गाड़ियों  के लिए क्या विकल्प होगा |
2 दिल्ली के बाहर से आने वाली गाड़ियों के लिए क्या विकल्प होगा |
3 . आपातकाल के लिए क्या व्यवस्था होगी जैसे किसी के पास सम नम्बर वाली गाडी है और उस दिन विषम नम्बर वालों की बारी है है ऐसे में सम नम्बर वाली गाडी के मालिक या सम्बन्धी  की तबियत जोरो से खराब हो गयी तो फौरन राहत के लिए अस्पताल पहुँचने के लिए क्या  ऐसे नम्बरों को छूट मिलेगा आदि |
       वैसे सरकार ने कहा है मेडिकल , वी . आई  .पी  वाहनों आदि के उपर ये नियम नहीं लागू होंगे |
दिल्ली सरकार को मेरी तरफ से एक सलाह है कि एलेक्ट्रानिक  रिक्शा , साइकिल रिक्शा , हाथ से खिचे जाने वाले ठेलों आदि को बढ़ावा दे | हाँ ये संसाधान मोटर वाहनों का स्थान तो नहीं पा सकते किन्तु उनकी आंशिक भरपाई अवश्य कर सकते हैं |
       और अंत चलते चलते इतना हीं कहूँगा न मैं कोंग्रेसी हूँ , न मैं आपिया हूँ , न मैं भाजपाई हूँ | या न किसी अन्य दल से हूँ | मैं सत्येन्द्र हूँ और सत्येन्द्र हीं बना रहना चाहूँगा | देश में हो रही गतिबिधियों पर निष्पक्ष राय रखता रहूँगा जो मुझे मेरी समझ से अच्छा लगेगा अच्छा कहूँगा जो उचित नहीं लगेगा उसे अनुचित कहूँगा जोरदार आवाज़ में | अरविन्द केजरीवाल , नरेंद्र मोदी या और कोई भी  प्रशंशा करने लायक कार्य करेंगे तो प्रशंशा करूँगा और जहाँ उनके कार्य अनुचित लगेंगे तो आलोचना भी करूँगा |

       आपलोग भी अपनी वेशकीमती राय अवश्य रखें 

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