राजनीति के भूलभुलैया में मानव मूल्यों की कोई कीमत नहीं | राजनीती एवं संवेदनहीनता एक
दुसरे के पर्याय हैं |
वर्तमान में राजनीति ने अपने वास्तविक अर्थ को खो
दिया है | राजनीति आज धंधा है और बेजोड़ धंधा है | इस धंधे के छुटभैये भी चांदी
काटते हैं | राजनीति में अगर आपका भाग्य भी खराब हो तो आप सिकन्दर हीं हैं | अगर आप एक
दबंग राजनीतिज्ञ हैं तो फिर भैया आपकी मौजा हीं मौजा है | राजनितज्ञ बनने के लिए
कोई विशेष योग्यता की जरूरत नहीं है | बस आप अपना नैतिक पतन करते जाइए और राजनीतिज्ञ बन जाइए |
जितना अधिक आपका नैतिक पतन होगा उतना हीं
मंझे हुए राजनितज्ञ कहलायेंगे आप | आप मानवीय गुणों से निचे गिरते जाइए और
राजनितज्ञ निखार पाते जाइए |
प्रखर
राजनीतिज्ञ बनने के लिए आपको चिलम पों करना भी आना चाहिए | और हाँ आपको घोटाले करने भी आने चाहिए | अपने दोष किसी और पर
मढ़ीये और देह हाथ झार कर बेदाग़ निकलिए | राजनीति में आपका वर्चस्व बढ़ने पर आपको धन
की कोई कमी नहीं होगी | आपके आगे पीछे चलने वाले आपकी चाटुकारिता करने वाले की कोई
कमी नहीं रहेगी |
अगर
आप मंझे हुए राजनीतिज्ञ हैं तो ये देश आपके इशारों पर नाचेगा | लोग आपके इशारों पर
नाचेंगे | आप अगर एक ईशारा कर दें तो लोग मरने कटने पर उतारू हो जायेंगे |
समय
आ चुका है कि राजनीति आज अपना अर्थ बदले | लोगों के दिलों में राजनीति और
राजनीतिज्ञ के लिए सम्मान हो | आज आवश्यकता है राजनीति को एक नई परिभाषा से जाना
जाए |
तस्वीर http://artroots.info/ से साभार प्राप्त
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें