शनिवार, 24 अक्तूबर 2015

राजनीति

राजनीति के भूलभुलैया में मानव मूल्यों  की कोई कीमत नहीं | राजनीती एवं संवेदनहीनता एक दुसरे के पर्याय हैं |
वर्तमान में राजनीति ने अपने वास्तविक अर्थ को खो दिया है | राजनीति आज धंधा है और बेजोड़ धंधा है | इस धंधे के छुटभैये भी चांदी काटते हैं | राजनीति में अगर आपका भाग्य  भी खराब हो तो आप सिकन्दर हीं हैं | अगर आप एक दबंग राजनीतिज्ञ हैं तो फिर भैया आपकी मौजा हीं मौजा है | राजनितज्ञ बनने के लिए कोई विशेष योग्यता की जरूरत नहीं है | बस आप अपना  नैतिक पतन करते जाइए और राजनीतिज्ञ बन जाइए | जितना अधिक आपका नैतिक  पतन होगा उतना हीं मंझे हुए राजनितज्ञ कहलायेंगे आप | आप मानवीय गुणों से निचे गिरते जाइए और राजनितज्ञ निखार पाते जाइए |

       प्रखर राजनीतिज्ञ बनने के लिए आपको चिलम पों करना भी आना चाहिए | और हाँ आपको घोटाले करने भी आने चाहिए | अपने दोष किसी और पर मढ़ीये और देह हाथ झार कर बेदाग़ निकलिए | राजनीति में आपका वर्चस्व बढ़ने पर आपको धन की कोई कमी नहीं होगी | आपके आगे पीछे चलने वाले आपकी चाटुकारिता करने वाले की कोई कमी नहीं रहेगी |
       अगर आप मंझे हुए राजनीतिज्ञ हैं तो ये देश आपके इशारों पर नाचेगा | लोग आपके इशारों पर नाचेंगे | आप अगर एक ईशारा कर दें तो लोग मरने कटने पर उतारू हो जायेंगे |

       समय आ चुका है कि राजनीति आज अपना अर्थ बदले | लोगों के दिलों में राजनीति और राजनीतिज्ञ के लिए सम्मान हो | आज आवश्यकता है राजनीति को एक नई परिभाषा से जाना जाए | 



तस्वीर http://artroots.info/ से साभार प्राप्त 

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