शनिवार, 24 अक्तूबर 2015

जरा जुबान संभाल के जनरल साहब

फरीदाबाद के सुनपेड गाँव में दलित बच्चे को जलाया गया | वर्तमान भारत में जहाँ भारत अपने विकास को मुद्दा बना कर विकसित राष्ट्र की श्रेणी में आना चाह रहा है वहीँ भारत के एक क्षेत्र में ऐसी दुखद घटना घटी है | पूर्व में जनरल रह चुके वर्तमान में भाजपा के नेता श्री बी के सिंह जी का व्यान आता है “ अगर कोई पत्थर मार दे कुते को तो उसके लिए भी सरकार को जिम्मेदार ठहराने का क्या मतलब है |” मतलब तो है साहब – अगर देश में एक चींटी की भी जान जाती है तो इसके लिए सरकार को जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी तभी सरकार की उपलब्धता है वर्ना सरकारें तो और भी कई देशों में हैं | और यहाँ तो बच्चे को जिन्दा जला दिया गया | क्या संवेदना मर गई | जनरल साहब ने इस पर ऐसी प्रतिक्रिया दी मानो यह एक साधारण घटना हो | अरे जान गयी थी साहब कोई साधारण घटना नहीं थी यह | और इसकी पूरी की पूरी जिम्मेदारी सरकार की बनती है इससे सरकार भाग नहीं सकती | जनरल साहब उचित तो यह होता कि आप चुप रह जाते और मामले को अपने स्तर से देखते , किन्तु आपका व्यान दुखी कर गया | आप तो ऐसा नही कहते कम से कम  देश की सेना के सर्वोच्च पद पर  आसीन थे आप कभी |
 जहाँ बात इंसान के जान की हो वहां हमारे राजनीतिज्ञों को चुप हीं रहना चाहिए अगर संवेदना नहीं प्रकट कर सकते तो | जनरल साहब ने बाद में ये जताया की उनकी ये भावना नहीं थी चलिए मान लेते हैं की आपकी भावना ये थी की यह एक साधारण घटना है सरकार इसमें क्या करे | साहब सरकार को हीं अपनी व्यवस्था दुरुस्त रखनी होती है ताकि इस तरह घटनाएँ न घटित हों और आप कहते हैं .....................
खैर बात आई गयी हो गयी जाने जाती रहेंगी लोग अपनी प्रतिक्रिया देते रहेंगे सरकारे चलती रहेंगी जनता त्राहि माम त्राहि माम करती रहेगी

जय हिन्द जय भारत   

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