शनिवार, 24 अक्तूबर 2015

भटक गएँ है मोदी

मोदी साहब आये दिनों सिर्फ विदेश यात्रा के कारण चर्चा में बने रहते हैं | अभी मोदी साहब के शासन का आरम्भिक काल है | मोदी साहब जितना विदेश दौरा करते हैं अगर उतना हीं देश के सभी भागों का दौरा करें तो सोने पे सुहागा हो जाए | किन्तु ये देश के अंदर तभी दौरा करते हैं जब राज्यों में चुनाव हो या फिर कोई बहुत हीं बड़ा आयोजन हो जैसे अभी आंध्र में दिखाई दिए | मोदी साहब के साफ़ सफाई अभियान से एक बार तो आशा जगी थी की ये देश के छोटे छोटे और मौलिक समस्याओं पर ध्यान देंगे किन्तु फिलहाल ऐसा दिखाई नहीं देता | पिछले दिनों देश में अनेक स्थानों पर साम्प्रदायिक भावनाओं का उथल पुथल नजर आया किन्तु , मानननीय प्रधानमत्री साहब मजबूती से कहीं खड़े दिखाई नहीं दिए | प्रधानमन्त्री साहब से आग्रह है की देश की मूलभूत समस्याओं पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देते तो बेहतर होता जैसे किसानों को अधिक से अधिक  सहायता पहुंचाना | विद्यार्थियों और बेरोजगारों को रोजगार उत्पन्न कराना | और सबसे बड़ी समस्या महंगाई पर नियन्त्रण | पिछले दिनों खाद्य पदार्थों के भाव आसमान छू रहें हैं किन्तु मोदी साहब इस समस्या पर बिलकुल मौन हैं | माननीय प्रधानमन्त्री महोदय देश की छोटी छोटी समस्याओं को दूर करने का प्रयास आपसे अपेक्षित है | धार्मिक उन्माद , जातिगत उन्माद समाज में कटुता उत्पन्न करती है | इन मुद्दों पर आप मजबूती के साथ खुल कर नहीं आयें हैं क्या कारण हो सकता है इसका |
       माननीय प्रधानमन्त्री महोदय आपसे आग्रह है की छोडिये विकास फिकास आप बस देश की सम्पूर्ण  जनता को दो जून की सस्ती रोटी दाल  तथा शान्ति पूर्वक रहने की व्यवस्था मात्र कर दें | ये समस्याएं दूर हो गयीं तो यहाँ की जनता खुद विकास के मार्ग पर अग्रसर होने लगेगा |
जय हिन्द जय भारत 

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