बुधवार, 28 अक्तूबर 2015

बंद करो मोदी मोदी का राग !

मेरा मोदी भक्तो से सादर अनुरोध है कि वे वजह मोदी मोदी न करें | किसी की प्रशंशा तो ठीक है किन्तु किसी की अंधभक्ति ठीक नहीं | मोदी साहब अगर प्रशंशनीय कार्य करें तो निश्चित हीं उनकी प्रशंशा होनी चाहिए , किन्तु अंध भक्ति ठीक नहीं | पिछले दिनों सोसल मीडिया पर अंध भक्तों की बाढ़ आई हुई है | जरा सा कोई नरेंद्र मोदी जी का नाम ले कर कोई आलोचनात्मक बात करो की बस शुरू हो जाते हैं | गाली  गलौज तक पर उतर आते हैं |
       मेरा कहना साफ़ है दो बातें होती हैं पहला कि अगर किसी की  आलोचना शिकायत हो तो इसका मतलब हुआ बंदे  में कुछ अच्छा गुण है इसलिए विरोध हो रहा है | दूसरी बात किसी  के गुण दोषों की  आलोचना अवश्य होनी चाहिए ये स्वच्छ पारदर्शिता की निशानी है | इससे किसी को स्वयं के अवलोकन करने का मौका मिलता है तथा उस व्यक्ति से सम्बन्धित व्यक्ति को भी नया नजरिया मिलता है  | अगर मैं किसी की सिर्फ प्रशंसा हीं प्रशंसा करूँ  और उसके दुर्गुणों को नकार दूं तो ये सम्बन्धित व्यक्ति के प्रति अन्याय होगा | आलोचनात्मक विचारों को स्वीकार करना और उस पर शालीनता से  प्रतिक्रिया देना खुले मानसिकता का परिचायक होता है | हमें अपने देश को अग्रिम पंक्तियों में रखना है तो अपनी मानसिकता को विस्तृत करना होगा और एक निष्पक्ष दृष्टिकोण पैदा करना होगा |

       अंततः यही कहना चाहूंगा प्रशंसा शौक से करें किन्तु आलोचनाएँ भी स्वीकारें ये आपके खुले मानसिकता का परिचायक होगा |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें